Sunday, October 24, 2010

प्रीतम तुम लौट आये

सूरज की पहली किरण ने
किया उजियारा
रात का अंधियारा हुआ
नौ दो ग्यारह

भोर होते ही
चिडियों ने गीत गाये
मुझे लगा जैसे कि
प्रीतम तुम लौट आये